Tuesday, 10 January 2017

अलसी कुछ सावधानियाँ

एक सज्जन आए और शिकायत करने लगे, सर आजकल अलसी खाने के बाद उबकाई आने लगती है। पहले तो ऐसा नहीं होता था। मैंने पूछा आप अलसी कैसे ले रहे हो? कहने लगे एक किलो अलसी लाया था, पीस कर डिब्बे में भर दी। रोज दो चम्मच पानी के साथ ले रहा हूँ। अरे भले मानुस यही तो गलती कर दी आपने। हम हमेशा लोगों को हिदायत देते हैं कि अलसी को अगर रोज ताजा पीस कर लें तो अच्छा। अगर ऐसा नहीं कर सकें तो दो-तीन दिन के लिए खाने योग्य मात्रा में ही पीसे इससे ज्यादा नहीं। पीसने के बाद अलसी आक्सीजन के सम्पर्क में आकर खराब होने लगती है। मुख शुद्धि का नुस्खा भी ज्यादा नहीं बनाएं। कुछ लोग तिल्ली, सौंफ और अलसी को इकट्टा पीस कर डिब्बे में भर लेते हैं और खाते रहते हैं। यह मिश्रण भी अल्प मात्रा में तैयार करें। खत्म होने पर पुनः बना लें। बाजार में इसके पाऊच भी मिलते हैं। पता नहीं वे कितने पुराने हो चुके होते हैं। अलसी को आलस बर्दाश्त नहीं है। इसलिए आलस न करें, तो अच्छा। वर्ना वांछित लाभ की जगह हानि हो सकती है। अलसी को साफ करते समय उसमें अलसी के टूटे हुए टुकड़े हों तो उन्हें भी चुन-चुन कर फेंक देना चाहिए।

1. कुछ लोगों की शिकायत है कि अलसी खाने से उन्हें कब्ज होने लगता है। ऐसा शायद इसलिए होता है कि वे पानी कम पीते हैं। शुरू में टाइट मोशन की शिकायत हो सकती है। दो-चार दिन में यह ठीक हो जाती है। ऐसे व्यक्ति अलसी का दो चम्मच पावडर प्रातःकाल गर्म जल के साथ लें तो अधिक अच्छा रहेगा।

2.जो खून पतला करने वाली दवाएं लेते हैं, उन्हें भी अलसी का सेवन डाक्टर से पूछ कर करना चाहिए। क्योंकि अलसी भी खून को पतला करती है। ऐसे में दवा की मात्रा कम करके फिर अलसी का प्रयोग किया जा सकता है।

3. अलसी की कितनी मात्रा प्रतिदिन लेनी चाहिए, इस बारे में डा.ओपी वर्मा का अभिमत है कि तीस ग्राम यानि तीन चाय चम्मच अलसी प्रतिदिन लेनी चाहिए। मेरा अनुभव इस बारे में अलग है। हर व्यक्ति की केमेस्ट्री जुदा-जुदा होती है। किसी को एक चम्मच तो किसी को तीन चम्मच अलसी की जरूरत हो सकती है। इसलिए व्यक्ति स्वयं तय करे कि उसे कितनी अलसी लेना चाहिए।

4. अलसी भून कर लें या कच्ची यह सवाल भी किया जाता है। दोनों तरह से अलसी ली जा सकती है। अगर भून कर लेते हैं, तो हल्का भूने अधिक नहीं। वैसे डा.योहान बुडविज तो कच्ची अलसी लेने की सिफारिश करती थीं।

5. कुछ लोगों ने सवाल पूछा था कि अलसी अगर पुरानी हो तो उसका सेवन करें या नहीं। मैंने अलसी गुरु डा.ओपी वर्मा से सम्पर्क किया, उनका अनुभव है कि अगर साबुत है तो पुरानी भी खाने में हर्ज नहीं है। साबुत अलसी कईं दिनों तक खराब नहीं होती।

6.कुछ लोगों ने यह सवाल किया कि अलसी की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे गर्मी के दिनों में खाना उचित है अथवा नहीं। मेरा अपना अनुभव है कि इसे गर्मी में भी खाया जा सकता है। मैं तो खाता हूं, मुझे कोई हानि नहीं होती। लेकिन अन्य लोगों के लिए सुझाव है कि वे खाकर देखें साथ ही पानी अधिक पीएं। फिर भी अगर लगे कि उन्हें अलसी से गर्मी में हानि होती है तो सेवन बंद कर दें।

7.एक महाशय ने पूछा कि भूनी हुई साबुत अलसी अगर पीसें नहीं और यूं ही चबा कर खाएं तो क्या हर्ज है। कोई हर्ज नहीं है। अगर आपके दांत सलामत हैं और अच्छी तरह चबा कर खा सकते हैं तो खाएं। लेकिन बिना चबाए निगलें नहीं, वरना वह पचे बिना ऐसे ही निकल जाएगी, क्योंकि म्युसिलेज के कारण अलसी चिकनी होती है।।                                                       

राजेंद्र अग्रवाल

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