Wednesday, 22 January 2020

सागो का सरदार है बथुवा - सबसे अच्छा आहार है बथुवा Lamb's Quarters

*सागो का सरदार है बथुवा*
*सबसे अच्छा आहार है बथुवा*

बथुवा अंग्रेजी में Lamb's Quarters, वैज्ञानिक नाम Chenopodium album.

साग और रायता बना कर बथुवा अनादि काल से खाया जाता  रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि *हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे* और हमारी बुढ़ियां *सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती।* बथुवा गुणों की खान है और *भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो मेरा भारत महान है।*

बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स??

तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है?? *बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम,  लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43  Kcal होती है।*

जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो *यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है* और साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डळी हो तो इस खाने के लिए देवता भी तरसते हैं।

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं ना??? गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सबकुछ है ही, कहने का मतलब है कि *बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।*

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है।  बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें। नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी  गाय   के घी से छौंक लगाएँ। बथुए का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है। किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। *बथुवै

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