विटामिन डी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण घटक है ये कम या ज्यादा होने पर दूसरे सभी विटामिन पर भी असर डालता है इसलिए इसका सन्तुलित रहना बहुत जरूरी है।
विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की धूप है।दूसरा बाजार में मिलने वाली गोलियाँ।
कृतिम रूप से विटामिन लेने से बेहतर प्राकृतिक रूप से लेना है,और ये बिना मूल्य के उपलब्ध है।
अतः विटामिन डी के लिए सुबह जब सूर्य उदय होता है तब से आधा घण्टा कम से कम कपड़ों में कच्ची धूप में बैठें।ऐसे ही शाम को जब सूर्य अस्त होता है उसके आधा घण्टा पहले धूप में बैठें।सूर्योदय ओर सूर्यास्त के समय ही विटामिन डी मिलता है शेष समय नहीं।
यदि ये सम्भव नहीं हो तो हरे काँच की बोतल में सुबह पानी भरकर,उसे ढककर सुबह धूप में रख दें। शाम को 400 ml पानी उस बोतल का पी लें तो भी विटामिन डी की काफी आपूर्ति हो जाएगी।
इसके अलावा गोलियाँ तो है ही।
विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की धूप है।दूसरा बाजार में मिलने वाली गोलियाँ।
कृतिम रूप से विटामिन लेने से बेहतर प्राकृतिक रूप से लेना है,और ये बिना मूल्य के उपलब्ध है।
अतः विटामिन डी के लिए सुबह जब सूर्य उदय होता है तब से आधा घण्टा कम से कम कपड़ों में कच्ची धूप में बैठें।ऐसे ही शाम को जब सूर्य अस्त होता है उसके आधा घण्टा पहले धूप में बैठें।सूर्योदय ओर सूर्यास्त के समय ही विटामिन डी मिलता है शेष समय नहीं।
यदि ये सम्भव नहीं हो तो हरे काँच की बोतल में सुबह पानी भरकर,उसे ढककर सुबह धूप में रख दें। शाम को 400 ml पानी उस बोतल का पी लें तो भी विटामिन डी की काफी आपूर्ति हो जाएगी।
इसके अलावा गोलियाँ तो है ही।
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