Tuesday, 20 October 2020

दही. - CURD

 *दही*

अधजमा दही दस्तावर होता है।

खट्टा मीठा दही आंतों और पेट के लिए गुणकारी होता है।

अधिक खट्टा दही खून में उबाल लाता है,त्वचा रोग बढ़ाता है।सीने में जलन पैदा करता है।हानिकारक है।

भैस का दही थोड़ी मात्रा में लेना चाहिए,क्योंकि यह देर से पचता है। शरीर मे सूजन पैदा करता है।

*ज्यादा दूध अनावश्यक चर्बी बढ़ाता है,ज्यादा दही मोटापा,ताज़ा मट्ठा पीने से चर्बी संतुलित हो जाती है*

मुनक्का - Dry grapes

 *आयुर्वेद में तो मुनक्का को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। इसकी प्रकृति या तासीर गर्म होती है। यह कई रोगों में दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।*  

 *सर्दी-जुकाम होने पर* 

सर्दी-जुकाम हो जाए तो रात को सोने से पहले दूध में 2-3 मुनक्के उबाल कर सेवन करें।  यदि सर्दी-जुकाम पुराना हो गया है तो सप्ताह भर यह दूध पीते रहें। सर्दी-जुकाम होने पर सात मुनक्का रात्रि में सोने से पूर्व बीज निकालकर दूध में उबालकर लें।


 *आंखों के लिए* 

आंखों के लिए भी मुनक्का बेहद फायदेमंद होता है। इसमें बीटा कैरोटीन मौजूद होता है। इसका रोज सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है। मुनक्का को रात में भिगो कर रख दें और सुबह उठकर इसका सेवन करें।  

 *बच्चों के लिए* 

बच्चों में ज्यादातर देखने में आता है कि वे बार-बार बीमार पड़ जाते हैं। ऐसे में यदि वे दिन में 5 से 6 मुनक्कों का सेवन रोज कर लें तो उनका शरीर स्वस्थ रहने के साथ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाएगी। 

 *जब गले में हो परेशानी* 

अक्सर लोगों में गले की परेशानी देखने को मिलती है। गले में खराश या खुश्की और खुजली भी होती रहती है। मुनक्के में  एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसलिए मुनक्का खाने से गले का हर रोग दूर होता है। रात को  मुनक्का भिगो कर सुबह उठकर इनका सेवन करें। 

 *बुखार हो तो...* 

मियादी या पुराने बुखार में दस मुनक्का एक अंजीर के साथ सुबह पानी में भिगोकर रख दें। रात्रि में सोने से पूर्व मुनक्का और अंजीर को दूध के साथ उबालें और सेवन करें। ऐसा तीन दिन करें। पुराना बुखार ठीक हो जाएगा।

 *बढ़ता है खून* 

रात को सोने से पहले 10 मुनक्का पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इन्हें दूध के साथ उबाल लें और हल्का ठंडा करके पियें। इसके नियमित सेवन से खून बढ़ता है। अगर आप इसे दूध के साथ नहीं लेना चाहते तो अच्छे से चबा-चबाकर खायें। 

 *हड्डियों के लिए फायेदमंद* 

मुनक्के में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जिस कारण मुनक्का खाने से आपकी हड्डियां मजबूत बनती हैं। यह आपको गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचने में सहायता करता है।

 *गठिया जैसी बीमारी होगी दूर* 

मुनक्के में पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है। यह अम्लता को कम करने और सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को दूर कर किडनी स्टोन, दिल की बीमारियों और गाठिया जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

 *दूर करे एनीमिया* 

मुनक्के में मौजूद आयरन और साथ ही बी कॉम्लेक्स विटामिन एनीमिया के इलाज में मददगार साबित होते हैं। मुनक्के में मौजूद कॉपर लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है।

 *कब्ज में राहत* 

यदि किसी को कब्ज की समस्या है तो उसके लिए शाम के समय 10 मुनक्कों को साफ धोकर एक गिलास दूध में उबाल लें, फिर रात को सोते समय इसके बीज निकल दें और मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें। इस प्रयोग को नियमित करने से लाभ मिलेगा। 

 *मुंह के रोग से आराम* 

मुनक्के में मौजूद ओलेक्रोलिक एसिड और फाइटोकेमिकल्स मुंह और दांतों को सुरक्षित रखते हैं और आपके दांतों के क्षय और कैविटी का डर भी दूर होता है। मुनक्के मेें भरपूर मात्रा में कैल्शियम भी होता है, साथ ही यह दांतों में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। इसके अलावा मुनक्के में मौजूद बोरान मुंह में रोगाणु के निर्माण को कम करता है।

 *मुनक्का के कुछ अन्य फायदे* 

0 फेफड़ों के रोग में मुनक्का के ताजे और साफ 15 दानों को पानी में साफ करके रात में 150 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। सुबह बीज निकालकर उन्हें 1-1 करके खूब चबा-चबाकर खा लें। बचे हुए पानी में थोड़ी सी चीनी मिलाकर या बिना चीनी मिलाएं ही पी लें। इसे लगतार एक महीने तक सेवन करने से फेफड़ों की कमजोरी और विषैले पदार्थ नष्ट हो जाते हैं।

0 पानी में मुनक्का के 8 से 10 दाने रात को भिगोकर रख दें। सुबह मुनक्का फूल जाने पर इसे चबा-चबाकर खायें। रोज सुबह इसको खाने से मुंह के छाले व जख्म ठीक हो जाते हैं।

0 *महिलाओं को मासिक धर्म की* वजह से खून की कमी हो जाती है। उनके लिए मुनक्का बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि मुनक्का आयरन का मुख्य स्रोत है और मुनक्का खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी बढ़ती है।

0 *जिन बच्चों को रात में बिस्तर में पेशाब करने की समस्या होती* है, उन्हें 2 मुनक्के के बीज रात को एक हफ्ते तक खिलाने से वे रात को बिस्तर गीला नहीं करते।

0 इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। यह हार्ट अटैक की बीमारियों से भी बचाने में मदद करता है।

0 इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। यह *कैंसर जैसी गंभीर* बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है।

0 मुनक्के का पानी हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन निकालकर उसे डिटॉक्स करता है, जिससे स्किन स्वस्थ और चमकदार बनती है। 

गठिया की समस्या - Arthritis problem

 *गठिया की समस्या* 

बथुआ नामक भाजी के ताजे पत्तों का रस लगभग 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन प्रातह खाली पेट पीने से गठिया नष्ट हो जाता है इस रस में नमक चीनी आदि कुछ न मिलाएं।और कम से कम 2 माह तक लगातार प्रयोग करें।

शीत पित्त की समस्या - (शरीर में बार बार लाल चकत्ते बनने की समस्या)

 *शीत पित्त की समस्या* 


(शरीर में बार बार लाल चकत्ते बनने की समस्या)


 दिव्य कायाकल्प वटी 40 ग्राम 

(दो-दो गोली सुबह-शाम खाली पेट जल से सेवन करें)

 दिव्य नीम घनवटी 60 ग्राम दिव्य गिलोय घनवटी 60 (दो-दो गोली सुबह-शाम भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें )

दिव्य हरिद्रा खंड 200 ग्राम आधा चम्मच भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें नारियल तेल ढाई सौ ग्राम में देसी कपूर 25 ग्राम मिलाकर अच्छी मिलाकर प्रभावित स्थान पर प्रयोग करें ।इस कोर्स को  पूरा करने पर स्थाई रूप से आराम आ जाएगा।

(सारी दवा पतंजलि शॉप में मिल जाएंगी। )

दही आइसक्रीम ठंडा पानी ककड़ी ठंडी तासीर की वस्तुओं से परहेज रखें।

होंठ फटने की समस्या - Lip blemish problem

 *होंठ फटने की समस्या*


अपनी नाभि में घी,तेल आदि कोई चिकना पदार्थ  10 दिनों तक लगाएं। होंठों का फटना और दर्द तुरन्त दूर होगा।

मुख्य मंडल का सौंदर्य - Beauty of Face

 *मुख्य मंडल का सौंदर्य*


 लगभग एक चम्मच सरसों को दूध में पीस लें इस को प्रतिदिन रात्रि में सोते समय मुख्य मंडल पर लगाएं।सुबह उठकर चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।  इससे इसके प्रयोग से चेहरे के काले दाग और धब्बे दूर हो जाएंगे तथा मुख्य मंडल सुंदर होकर खिल उठेगा अपने मुख्य मंडल के सौंदर्य को निखारने के लिए स्त्रियों को अवश्य प्रयोग करना चाहिए ।कम से कम 2 सप्ताह लगाएं

बच्चों की स्मरणशक्ति वर्धक अद्भुत नुस्खा - Amazing recipe for memory

 *बच्चों की* *स्मरणशक्ति वर्धक अद्भुत नुस्खा*                                        

दालचीनी और मिश्री सम् भाग लेकर बारीक पीसकर कपड़छान कर लें। प्रतिदिन 3 से 5 ग्राम की मात्रा (लगभग आधा चम्मच) में दूध के साथ सेवन करें। मस्तिष्क को शक्ति मिलती है।बुद्धि प्रबल होती है और स्मरणशक्ति में फर्क एक पखवाड़े में स्पष्ट  अनुभव में आने लगता है।।

बदन में होने वाली गीली खुजली की समस्या - Body itching problem

 *बदन में होने वाली गीली खुजली की समस्या* 


 तम्बाखू के पत्ते लेकर गुलाबजल में घोंटे और खुजली वाले स्थान पर लेप करें। एक हफ्ते में खुजली गायब हो जायेगी

खटाई तेल गुड़ उड़द गर्म मसालों चाय कॉफी का सेवन न करें।।

🙏🙏🙏🙏🙏

चश्मा छुड़ाने के लिये - To get rid of glasses

 *चश्मा छुड़ाने के लिये* 


बादाम गिरी 100 ग्राम 

बड़ी  सौंफ 100 ग्राम और 

कूजा मिश्री 100 ग्राम लेकर बारीक चूर्ण बनाकर किसी कांच के बर्तन में रख लें ।।

रात में सोते समय 10 ग्राम की मात्रा में ढाई सौ ग्राम दूध के साथ 40 दिन तक निरंतर लेते रहने से दृष्टि इतनी तेज जाती है  कि चश्मे की आवश्यकता ही नहीं रहती इसके अतिरिक्त दिमागी कमजोरी दिमाग की गर्मी दिमागी फितूर बातों को भूल जाने की बीमारी भी दूर हो जाती है ।

बच्चों को आधी मात्रा दें ।

पूर्ण लाभ के लिए दवा सेवन के 2 घंटे बाद तक पानी ना पिए ।

कूजा मिश्री ना मिले तो साधारण मिश्री का प्रयोग कर सकते हैं

गंजापन - Baldness

 *गंजापन* 


 दही को तांबे के बर्तन में तांबे के टुकड़े से इतना  घोंटे कि वह हरे रंग का हो जाए इस लेप को गंजे स्थानों पर लगाने से बाल शीघ्र उग  जाते हैं यह दवा फोड़े फुंसी घाव आदि के लिए भी अद्भुत है और आजमाई हुई है

एसिडिटी से बचने के लिए - To avoid acidity

 *एसिडिटी से बचने के लिए* 


सुबह सुबह एक ग्लास पानी गर्म करें। उसमे थोडा नीबू निचोड़ें।साथ में 5 तुलसी पत्र,5 पुदीना पत्र,काला नमक,आधा चम्मच जीरा,एक लौंग, एक कालीमिर्च  डालकर अच्छी तरह पकाएं। और हल्का गर्म रहने पर पी जाएँ।खाली पेट। आपकी गैस और एसिडिटी की समस्या समाप्त हो जायेगी। इसे दिन में दो तीन बार ले सकते हैं आवश्यकता नुसार

रूसी नाशक सरल प्रयोग -

 *रूसी नाशक सरल प्रयोग* 


 200 ग्राम नीम के पत्तों को कूटकर 200 मिलीलीटर तिल के तेल में मिलाकर मंद अग्नि पर धीरे-धीरे पकाएं पकाने के बाद छानकर रख लें । इस तेल को सिर में लगाने से डैंड्रफ बालों का झड़ना आदि रोग दूर होते हैं सिर में सोरायसिस या फोड़े फुंसी होने पर इसे लगाने से शीघ्र लाभ होता है

बवासीर के मस्से - Piles warts

 *बवासीर के मस्से* 


सुहागा फुलाया हुआ और लाहौरी नमक जिसे सेंधा नमक भी कहते हैं  दोनों को आधा कप पानी में  खूब घोटकर बारीकी से अच्छी प्रकार एक जान हो  जाने पर 15 ग्राम नारियल का तेल मिलाकर फिर से घोंटें और उसके बाद शीशीमें भर ले ।माचिस की काड़ी  में रुई फंसा कर उसमें तेल लगाकर इसे लगाएं या लगवाए। 1 सप्ताह में मस्सों का नाम भी नहीं रहेगा

मुहांसों की समस्या - Acne problem

 *मुहांसों की समस्या*

 तुलसी और नींबू का रस बराबर की मात्रा में मिलाकर कुछ दिनों तक लगाने से मुंहासे मिट जाते हैं चाय कॉफी तले हुए पदार्थ गर्म मसाले लाल मिर्च और मीठे पदार्थ का प्रयोग ना करें ।

मोटापा व् चर्बी घटाने के लिए - To reduce fat and fat

 *मोटापा व् चर्बी घटाने के लिए।* 


फैट बढ़ाने वाली चीजे, तेल,मिर्च,मसाला बन्द करें। सूर्योदय से पूर्व शाम का भोजन करें । त्रिफला 10 ग्राम 20 ग्राम शहद में मिलाकर शर्बत बना कर पियें। 40 दिन सेवन करने से चर्बी व् मोटापा कम हो जाता है।

हाथ पैर में सुइयां चुभना - Prick the needles

 *हाथ पैर में सुइयां चुभना* 


हाथ पैर में जो झुनझुनी होती है या सुई जैसी चुभती है उसका मुख्य कारण होता है काफी देर तक एक पोजीशन में बैठे रहना यह काफी देर तक किसी एक नस का दवे रहना 

या किसी नस का चोट या अन्य कारणों से दब जाना 

विटामिन B12 की कमी हो जाना आदि कारणों से हाथ और पैर में सुईया सी चुभती हैं। जैसे चीटियां काट रही हो।

 कई बार पोषक तत्वों की कमी से भी होता है और कई बार रक्त संचार की कमी से होता है और कई बार शरीर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में ना पहुंचने कारण भी होता है।

इसके लिए कैल्शियम आयरन और विटामिन B12 की गोलियां खाना चाहिए ।

हरी सब्जी दालचीनी हल्दी मूंगफली लहसुन केला दही और सोंठका सेवन अपने भोजन में अवश्य करना चाहिए।।

 *उपचार* 

इसका उपचार दो तरीके से किया जाता है ।

चुटकी भर सोंठ और  लहसुन की एक गांठ का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर इसका लेप करें और सुख जाने दे।।

 दूसरा एक चुटकी पाउडर सोंठ  का और दो लहसुन की कली को गर्म पानी के साथ सुबह और शाम फांक ले।

 ऐसा 8 दिन तक करें तो आपको आराम आ जाएगा ।

और साथ ही सरसों के तेल में लहसुन की दो चार कली पका लें जब काली पड़ जाए कलियां तो तेल छान लें और उस तेल को  आप जहां सुइयां चुभती हैं ।उस अंग की मालिश कर सकते हैं।आपको निश्चित आराम मिलेगा।

पैरों की उंगलियों में फंगस - Fungus in toes

 पैरों की उंगलियों में फंगस


 बरसात में अक्सर पैरों की उंगलियों में फंगस हो जाती है जिसे लोकल भाषा में कंदरी बोलते हैं इसे घरेलू उपचारों से ठीक किया जा सकता है मेहंदी  पाउडर को घोलकर लगाने से  फंगस ठीक हो जाती है  मेहंदी और हल्दी का लेप मिलाकर लगाने से  पैरों की फंगस ठीक हो जाती है  और सरसों का तेल गर्म कर लगाने से भी फंगस ठीक हो जाती है सरसों का तेल हल्का सा गर्म करके दिन में तीन चार बार  लगाने से फंगस ठीक होने लगता है। बाद में घमोरियों का पाउडर लगाना चाहिए।

कोरोना पांजीटिव होनें पर घबरायें नही - Do not panic at Corona being positive

 कोरोना पांजीटिव होनें पर घबरायें नही।

10 दानें काली मिर्च और 10 दानें लौंग के अजवाईन के साथ पीस लें तथा केतली में पानी के साथ उबाल लें और पांच मिनट सुबह दिन और श्याम दो दिन तक भाप लें वायरस फेफडों में ही नष्ट हो

जायेगा।

इस दौरान आपको गले में धसका भी लगेगा तथा कफ भी बाहर निकलेगा दो दिन में ही आप नेगेटीव हो जायेंगे।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏

सदा निरोग रहेंगे - Will always be healthy

 लहसुन

प्याज

अदरक

की चटनी या रस

 नित्य एक एक चम्मच सेवन सुबह खाली पेट सेवन करें।एक ग्लास गुनगुने पानि में नित्य।सदा निरोग रहेंगे।

Monday, 27 January 2020

हल्दी का पानी अमृत - Turmeric Water

हल्दी का पानी अमृत........

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*पानी में हल्दी मिलाकर पीने से होते है यह 7 फायदें.....*
🙏👏🌹 *इन्हें नोट करके अपने पास रखें! आवश्यकता पङने पर काम आएंगे।*

1. *गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है. सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है*.

2. *रोज यदि आप हल्दी का पानी पीते हैं तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है और खून जमता भी नहीं है. यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है.*
🙏👏🌹
3. *लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है. हल्दी के पानी में टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है. हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं.*
🙏👏🌹
4. *हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए. हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है. जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.*
🙏👏🌹
5. *जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है. हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते हैं.*
🙏👏🌹
6. *शरीर में किसी भी तरह की सजून हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करें. हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असाहय दर्द को ठीक कर देता है. सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी.*
🙏👏🌹
7. *कैंसर खत्म करती है हल्दी. हल्दी कैंसर से लड़ती है और उसे बढ़ने से भी रोक देती है. हल्दी एंटीकैंसर युक्त होती है. यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पीयेंगे तो आप भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेगें.👏*

Saturday, 25 January 2020

खाँसी ठीक करने के अचूक रामबाण नुस्खे

*खाँसी ठीक करने के अचूक रामबाण नुस्खे*
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*सर्दी, खांसी, सिरदर्द, जुकाम जैसी कुछ बीमारियां होती हैं जो किसी को भी किसी भी समय हो सकती है! खांसी की समस्या होने पर आप सुकून से कोई काम नहीं कर सकते हैं! खांसी बदलता मौसम, ठंडा-गर्म खाना पीना या फिर धूल या किसी अन्य चीज से एलर्जी के कारण सकती है ! खांसी होने पर तकलीफ भी ज्यादा होती है! आइए हम आपको खांसी से बचने के कुछ आसान से उपायों के बारे में बताते हैं!*

*सौंठ को पीस कर पानी में खूब देर तक उबालें! जब एक चौथाई रह जाए तो इसका सेवन गुनगुना होने पर दिन में तीन चार बार करें! तुरंत फायदा होगा!*

*गुनगुने पानी से गरारे करने से गले को भी आराम मिलता है और खांसी भी कम होती है!*

*तुलसी पत्ते, 5 काली मिर्च, 5 नग काला मनुक्का, 6 ग्राम गेहूँ के आटे का चोकर , 6 ग्राम मुलहठी, 3 ग्राम बनफशा के फूल लेकर 200 ग्राम पानी में उबालें! 1 /2 रहने पर ठंडा कर छान लें! फिर गर्म करके बताशे डालकर रात सोते समय गरम-गरम पी जाएँ और चादर ओढ़कर सो जाएँ तथा हवा से बचें! कैसी भी खुश्क खाँसी हो, ठीक हो जाएगी!*

*काली मिर्च, हरड़े का चूर्ण, तथा पिप्पली का काढ़ा बना कर दिन में दो बार लेने से खाँसी जल्दी दूर होती है!*

*1 चम्मच शहद में पिसी हुई कालीमिर्च मिलाकर पीने से भी खांसी जल्दी ही दूर हो जाती है|*

*1 चम्मच अदरक का रस में एक चोथाई शहद एवं चुटकी भर हल्दी मिलाकर लेने से खांसी जल्दी ही दूर हो जाती है!*

*मूली का रस और दूध को बराबर मिलाकर 1 -1 चम्मच दिन में छह बार लेने से भी शीघ्र लाभ मिलता है !*

*हींग, काली मिर्च और नागरमोथा को पीसकर गुड़ के साथ मिलाकर गोलियाँ बना लें! प्रतिदिन भोजन के बाद दो गोलियों का सेवन करने से खाँसी और कफ में लाभ मिलता है !*

*1 चम्मच अजवाइन एवं हल्दी मिलाकर गरम कर ले,फिर उसे ठंडा होने के बाद शहद मिलाकर पीने से खांसी जल्दी ही दूर हो जाती है!*खांसी होने पर सेंधा नमक की डली को आग पर अच्छे से गरम कर लीजिए! जब नमक की डली गर्म होकर लाल हो जाए तो तुरंत आधा कप पानी में डालकर निकाल लीजिए! उसके बाद इस नमकीन पानी को पी लीजिए! ऐसा पानी 2-3 दिन सोते वक्त पीने पर खांसी समाप्त हो जाती है!*

*शहद, किशमिश और मुनक्के को मिलाकर लेने से खांसी जल्दी ही ठीक हो जाती है!*

*हींग, त्रिफला, मुलेठी और मिश्री को नींबू के रस में मिलाकर चाटने से भी खांसी में फायदा मिलता है!*

*भुने हुए चने को कालीमिर्च के साथ खाने से खांसी बहुत जल्दी गायब हो जाती है!*

*त्रिफला में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पीने से हर तरह की खांसी में फायदा होता है!*

*तुलसी, कालीमिर्च और अदरक की चाय पीने से भी खांसी शीघ्र ही समाप्त होती है!*

*पानी में नमक, हल्दी, लौंग और तुलसी पत्ते उबालें! इस पानी को छानकर रात को सोते समय गुनगुना पिएँ! इसके लगातार सेवन से 7 दिनों के अंदर खाँसी पूरी तरह से समाप्त हो जाती है !*

*खांसी होने पर खांसी को रोकने के लिए मूंगफली,चटपटी व खट्टी चीजें, ठंडा पानी, दही, अचार, खट्टे फल, केला, कोल्ड ड्रिंक, इमली, तली-भुनी चीजों को खाने से बचना चाहिए !*

*सूखी खांसी में काली मिर्च को पीसकर घी में भूनकर लेना भी बहुत उत्तम रहता है!*

*पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन , चुटकी भर काला नमक व शहद मिलाकर लेना भी खांसी में लाभ देता है!*

*बताशे में काली मिर्च डालकर चबाने से भी खांसी में बहुत शीघ्र कमी आती है!*
👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍

Dr. Raymond Francis wrote 3 books

Dr. Raymond Francis wrote 3 books:
 1. Never get sick again
 2. Never fear cancer again
 3. Never fat again

 At the age of 75 years the doctor is only affected by flu and even then only once ...
 Talking about in the book are:

 🌿 Stay away from sugar as long as you do, exercise and adjust your diet to taste

 🌿 Sugar that causes colds and influenza

 🌿 Eating a spoonful (teaspoon size) of sugar decreases body immunity by 50%

 🌿 Drink a glass of Cola decreases body immunity 6-8 hours because cola contains a lot of sugar

 🌿 Sugar causes alzeimers

 🌿 Sugar is a food for cancer cells.  For prevention and healing, avoid sugar

 🌿 Sugar causes all heart disease

 🌿 Sugar causes weight gain

 🌿 Sugar that causes fat accumulation

 🌿 All causes of human disease are related to sugar

 🌿 Doctor Raymond said: fathers forbid their children to smoke and drink alcohol but give sweets which are more dangerous than cigarettes and alcohol, namely sugar

 🌿 Essentially leave sugar

 Doctor Raymond won a scientific work at the University of Frankfurt about food health, namely:

 "Yogurt is the highest source of calcium because it contains a glass of yogurt 450mg of calcium, so make it your daily yogurt menu
 And the best is low-fat yogurt

 Mint Mint leaves are medicine to strengthen the heart and blood circulation.  If you drink mint leaves like regular tea, you can smooth your stomach and intestines, reduce disease and refresh bad breath

 🌿 To cure gastric anacidity, drink a glass of hot mint leaves without added sugar

 Mint Mint leaves can remove gas, strengthen the kidneys, pancreas and relieve cough, calm nerves and angry conditions, eliminate insomnia, increase diuretics and destroyers the best food

 As Gaseous drinks increase the size of a woman's waist even though it doesn't add weight

 As Gassing drinks cause: osteoporosis, heart and kidney problems, obesity & diabetes and carious teeth

 KesehatanHealth hazards with energy-enhancing drinks for children²: speeding up pulse, convulsions, strokes, sudden death

 Hijau Green tea or bitter black coffee: good because there are antioxidants that guard against cancer

 🌿 Salmon, apples, grapes, cherries, blueberries, spinach are the types of foods that maintain brain cells and strengthen memory

 🌿 It is a big mistake to mention that drinking water while eating and after eating causes bloating and makes digestion difficult

 🌿 That's right: Water doesn't cause bloating and helps digest better than others

 🌿 Walk for 30 minutes per day in 5 days per week to take care of: heart disease, sugar, depression, blood pressure, cholesterol

 Putih Garlic: helps reduce the chance of contracting cancer because garlic can increase immunity

 Onsumsi Eating warm ginger in the afternoon helps burn fat and remove toxins from the body

 🌿 Try to drink a glass of water after waking up to restore fluids lost during sleep and to cleanse toxins in the body

 🌿 Doctor Raymon said I had benefited from this and was happy if it was beneficial for all.

 (For more benefits and details, you can read the book directly or see youtube shows with the title: Never Be Sick Again 1 and 2.

 https://m.youtube.com/watch?v=ISgt71CRG2I

चेचक ,कि छोटी माता या चिकन पॉक्स की समस्या होने पर - Chickenpox

चेचक ,कि छोटी माता या चिकन पॉक्स की समस्या होने पर

कोशिश करें कि कहीं से अपामार्ग की जड़ मिल जाए। अपामार्ग का पौधा एग्रीकल्चर  डिपार्टमेंट या नर्सरी में मिल सकता है तो अपामार्ग की जड़ और खाने की हल्दी दोनों को बराबर मात्रा में पीस के और चंदन जैसा उसके हाथ पैर के सारेें नाखूनों पर लगा दो तो चेचक होने की सम्भावना समाप्त हो जाएगी।या सत्यानाशी पौधे का पत्ता कोई जानकार बता देगा 1 पत्ता एक लेकर थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर उसको खिला दें   तो चेचक निकलते निकलते रुक जाएगी,शांत हो जाएगी।

Friday, 24 January 2020

गर्म नारियल पानी एक कैंसर-रोधी पदार्थ छोड़ता है

आप सभी से निवेदन है अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो कैंसर से पीड़ित हो और अपना इलाज करा कर थक चुके हो तो

गरम नारियल पानी का इलाज उसे बताएं प्लीज

गर्म नारियल पानी आपको जीवन भर कैंसर से बचा सकता है

गर्म नारियल ~ केवल कैंसर कोशिकाओं को मारता है!

एक कप में 2 से 3 पतले नारियल के फाक काटें, गर्म पानी डालें, यह "क्षारीय पानी" बन जाएगा, हर दिन पिएं, यह किसी के लिए भी अच्छा है।

 गर्म नारियल पानी एक कैंसर-रोधी पदार्थ छोड़ता है, जो चिकित्सा क्षेत्र में कैंसर के प्रभावी उपचार में नवीनतम प्रगति है।

गर्म नारियल के रस का अल्सर और ट्यूमर पर प्रभाव पड़ता है।  सभी प्रकार के कैंसर को रोकने के लिए साबित।

 नारियल के अर्क के साथ इस प्रकार का उपचार केवल घातक कोशिकाओं को नष्ट करता है, यह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करता है।

इसके अलावा, नारियल के रस में अमीनो एसिड और नारियल पॉलीफेनोल उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं, प्रभावी रूप से गहरी शिरा घनास्त्रता को रोक सकते हैं, रक्त परिसंचरण को समायोजित कर सकते हैं और रक्त के थक्कों को कम कर सकते हैं।

 पढ़ने के बाद, * दूसरों को बताएं, परिवार, दोस्तों, प्यार फैलाएं! *  🙏🏻💖

Wednesday, 22 January 2020

कब्ज - Constipation

100 ग्राम सोंफ
50 ग्राम अलसी
25 ग्राम अजवाइन
25 ग्राम तिल
को भून लें।इसमें थोड़ा सेंधा नमक मिलाएं।
मुखवास की तरह लें।
कब्ज के बढ़िया रहता है।

जुकाम का घरेलू असरदार उपचार - Home remedies for colds

*जुकाम का घरेलू असरदार* *उपचार*

7 की संख्या में  लौंग लेकर लगभग एक सौ 20 ग्राम पानी में  उबालें।जब पानी  लगभग 30 ग्राम रह जाए तो उतार कर छान लें ।
कुछ देर तक नाक से इसकी गर्मागर्म भाप लें।तथा कुछ ठंडा होने पर इसी काढ़े को पी जाएं।जुकाम में काफी राहत मिलेगी।

जापानी प्रोफेसर ने आश्चर्यजनक शोध किया - Japanese professor did amazing research

*जापानी प्रोफेसर ने आश्चर्यजनक शोध किया।*

1. *अम्लता* न केवल आहार त्रुटियों के कारण होती है, बल्कि *तनाव)* के कारण अधिक प्रभुत्व होती है।

2. *उच्च रक्तचाप* न केवल नमकीन खाद्य पदार्थों की बहुत अधिक खपत के कारण होता है, बल्कि मुख्य रूप से *भावनाओं के प्रबंधन* में त्रुटियों के कारण होता है।

3. *कोलेस्ट्रॉल* न केवल फैटी खाद्य पदार्थों के कारण होता है, बल्कि *अत्यधिक आलस्य* अधिक जिम्मेदार होता है।

4. *अस्थमा* न केवल फेफड़ों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान की वजह से, बल्कि अक्सर *उदास भावनाएं* फेफड़ों को अस्थिर बनाती हैं।

5. *मधुमेह* न केवल ग्लूकोज की अधिक खपत के कारण, बल्कि अति विचार  और *जिद्दी रवैया* पैनक्रिया के कार्य को बाधित करता है।

किसी भी बीमारी का सही कारण हैं:
*वैचारिक* 50%
*मानसिक तनाव* 25%
*सामाजिक* 15%

*शारीरिक* 10%

अगर हम स्वस्थ होना चाहते हैं, तो हमें अपने दिमाग के विचारों को  ठीक करने की जरूरत है ....                                         
     
       *हमेशा पॉजिटिव सोचें*
             *पॉजिटिव रहें*
                *स्वस्थ रहें*
                  *मस्त रहे*

विटामिन डी - Vitamin D

विटामिन डी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण घटक है ये कम या ज्यादा होने पर दूसरे सभी विटामिन पर भी असर डालता है इसलिए इसका सन्तुलित रहना बहुत जरूरी है।
विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की धूप है।दूसरा बाजार में मिलने वाली गोलियाँ।
कृतिम रूप से विटामिन लेने से बेहतर प्राकृतिक रूप से लेना है,और ये बिना मूल्य के उपलब्ध है।
अतः विटामिन डी के लिए सुबह जब सूर्य उदय होता है तब से आधा घण्टा कम से कम कपड़ों में कच्ची धूप में बैठें।ऐसे ही शाम को जब सूर्य अस्त होता है उसके आधा घण्टा पहले धूप में बैठें।सूर्योदय ओर सूर्यास्त के समय ही विटामिन डी मिलता है शेष समय नहीं।
यदि ये सम्भव नहीं हो तो हरे काँच की बोतल में सुबह पानी भरकर,उसे ढककर सुबह धूप में रख दें। शाम को 400 ml पानी उस बोतल का पी लें तो भी विटामिन डी की काफी आपूर्ति हो जाएगी।
इसके अलावा गोलियाँ तो है ही।

मस्तिष्क की दुर्बलता - Brain weakness

*मस्तिष्क की दुर्बलता*

 सौंफ लगभग आधा चम्मच, बादाम की गिरी 7 नग
 मिश्री लगभग आधा चम्मच
 *तीनों को कूट पीसकर मिलाकर रात को सोते समय दूध के साथ सेवन करें रात भर पानी ना पिए।* इससे  मस्तिष्क की दुर्बलता दूर होती है और 40 दिन सेवन करने से  दृष्टि इतनी बढ़ जाती है कि चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं रहती। 

सागो का सरदार है बथुवा - सबसे अच्छा आहार है बथुवा Lamb's Quarters

*सागो का सरदार है बथुवा*
*सबसे अच्छा आहार है बथुवा*

बथुवा अंग्रेजी में Lamb's Quarters, वैज्ञानिक नाम Chenopodium album.

साग और रायता बना कर बथुवा अनादि काल से खाया जाता  रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि *हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे* और हमारी बुढ़ियां *सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती।* बथुवा गुणों की खान है और *भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो मेरा भारत महान है।*

बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स??

तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है?? *बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम,  लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43  Kcal होती है।*

जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो *यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है* और साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डळी हो तो इस खाने के लिए देवता भी तरसते हैं।

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं ना??? गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सबकुछ है ही, कहने का मतलब है कि *बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।*

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है।  बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें। नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी  गाय   के घी से छौंक लगाएँ। बथुए का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है। किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। *बथुवै

सूर्य स्नानं (धुप) - Sun bath

*🌞सूर्य स्नानं (धुप)*

संसार के सभी प्राणियों का जीवन कार्य बहुत कुछ सूर्य पर निर्भर है। किसी पौधे को धुप से हटाते ही मुरझाने लगेगा और शीघ्र प्रकाश में न लाने पर वह मर जायगा। पौधे के पतियों को हरियाली देने वाला तत्त्व ही रक्त को लाली देता है। तब धुप न पाने वालो लोगो के चेहरे पिले ओर मुरझाये दिखाई दे, इसमें आश्चर्य क्या ? धुप को न घुसने देने वाली के गलीयो में चलने वाले, प्रकाशविहीन ऊंचे ऊंचे मकानो में रहने वाले, ऑफिस के बंध  कमरों में काम करने वाले लोग जरा अपनी बदन के तुलना धुप और प्रकाश से भरे खेत में काम करने वाले मजदूर के शरीर से करें। कहां तो उनका मुरझाया, पीला, निस्तेज शरीर, कहां वो तांबे-सी तपी देह, जैसे तेज प्रस्फुटित हो रहा हो।

प्राणदायिनी धुप से दूर रहने वाले लोग अधमरे से रेहेत है, पर ताज्जुब के वह धुप से हटाये पौधे की तरह मुरझाकर मर नहीं जाते? कारण, जो फल-तरकारियां एवं ऐसे खाध जिन्हे आग की संपर्क में लाये बिना खाया जाता है उनमें सूर्य का समाहित प्रकाश उन्हें मिल जाता है, और जीवन-कार्य किसी तरह चलता रहता है।

जीवनी-शक्ति बढ़ाने की इच्छा रखने वाले को अधिक से अधिक धुप एवं प्रकाश में रहना चाहिए।  जहां तक हो सके, प्रतिदिन कुछ समय कम से कम कपडे पहनकर हल्की धुप में नित्य कुछ समय अवश्य बिताया जाये।

जब बहार धुप खिल रही है, उस समय आप बच्चो को कमरे में रखने की कोशिश में कामयब नहीं हो सकते। उन्हें आप भले ही धुप की डर से रोक लें किन्तु  उनका जी तो हमेशा धुप में उछलने - कूदने को करता ही रहेगा। छाया में बधे पशु को खोल दीजिए, वह धुप की ओर दौड़ेगा। पशु ओर बच्चों ने निसर्ग से अपना नाता अभी तक तोडा नहीं है। लेकिन हमें ऐसा लगता है की धुप में बच्चा खेलेगा तो बेचारा पनिसा पसीना हो जायेगा, कहीं बीमार न पड़ जाये,  बच्चा धूप से कला पड़ जायेगा।

अगर आप अपना और अपने बच्चे का भला चाहते हैं तो नित्य प्रतिदिन थोड़ा धुप का सेवन अवश्य करें। विश्वास मानिये जीवनी-शक्ति का विकास होगा, हड्डिया मजबूत बनेंगी, सारे रोग मिटने लगेंगे। विटामिन डी. का भरपूर खजाना हैं धुप।
 #Sun

दिल को स्वस्थ रखने का सबसे आसान उपाय - The easiest way to keep the heart healthy

*दिल को स्वस्थ रखने का सबसे आसान उपाय*
 इसमें तुलसी और पुदीने की पांच पांच पत्तियों को रोजाना सुबह के समय खाना है । जिससे ब्लड का पीएच लेवल सामान्य बना रहता है ,जिससे रक्त रक्त धमनियों में ब्लॉकेज नहीं बनते और हार्ट अटैक से बचाव होता है ।इस उपाय को रोजाना आजमाया जा सकता है।

नेत्र ज्योति सुरक्षा कवच - Eye protection shield

*नेत्र ज्योति सुरक्षा कवच*

प्रतिदिन नहाने से पूर्व पांव के अंगूठों में शुद्ध सरसों का तेल मलने से  वृद्धावस्था तक नेत्रों की ज्योति कमज़ोर नही होती।
 *यह अद्भुत प्रयोग यदि प्रतिदिन किया जाए तो चश्मा लगाने की आवश्यकता नही पड़ती*

रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक - Immunity boosters

*रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक* 

आधा चम्मच दालचीनी पाउडर एवं एक चम्मच शहद के नियमित प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है एवं यह साइनस और  तीव्र जुकाम में भी लाभदायक है।
उपयोग करें और लाभ उठाएं।

Few common sense HEALTH TIPS FOR All

Few common sense HEALTH TIPS FOR All*

*A. Two things to check often:*
(1) Your blood pressure
(2) Your blood sugar

*B. Three things reduced to minimum:*
(1) Salt
(2) Sugar
(3) Starch (Carbohydrates)

*C. Four things to increase:*
(1) Greens
(2) Veggies
(3) fruits
(4) Nuts

*D. Three things to forget:*
(1) Your age
(2) Your past
(3) Your grudges

*E. Three things to have:*
(1)True Friends
(2)Loving family
(3)Positive thoughts

*F. Four acts to stay healthy:*
(1) Fasting
(2) Laughing 
(3) Exercise
(4) Weight loss

*G. Four things not to wait for:*
(1) Don't wait till you are sleepy to sleep
(2) Don't wait till your tired to rest
(3) Don't wait till your friend is sick  to go to see him.
(4) Don’t wait for problems to pray to God.

*TAKE CARE OF YOURSELF.. & STAY YOUNG!!*

“A New Year, A New Start, and Miles to Go. Wish You all Successful and Glorious New Year 2020”
🙏

होठों का फटना व दर्द होना

*होठों का फटना व दर्द होना*

ठंड के मौसम में और ज्यादा गर्मियों में अक्सर हमारे होंठ फटने लगते हैं  जिससे दर्द भी होता है ।
इसका बेहद ही घरेलू उपाय आपको बतला रहा हूं ।अपनी नाभि में घी ,तेल अथवा कोई भी चिकना पदार्थ लगाएं। इससे होठों का फटना और उनका दर्द होना दूर हो जाएगा।

कैसी भी सर्दी ,जुखाम, वायरल बुखार के लिए अति उत्तम दवा है।

8 पत्ते पुदीना
8 पत्ते तुलसी
आधा चमच्च जीरा
आधा चमच्च दाना मेथी
4 काली मिर्च
4 लौंग
10 ग्राम अदरख कूटकर
पाव चमच्च हल्दी
थोड़ा दालचीनी पाउडर
2 तेजपत्ते
6 कड़वा नीम की पत्ती
थोड़ा सा देशी गुड़
इनसब को एक गिलास पानी में उबालें ढककर।
आधा रहने पर छान लें मसालें में से चमच्च से पूरा रस निकाल लें।
गरम गरम दिन में तीन बार लें।
अडूसे के पत्ते हों तो 8 पत्ते वो भी डाल लें।
कैसी भी सर्दी ,जुखाम, वायरल बुखार के लिए अति उत्तम दवा है।
स्वस्थ व्यक्ति भी ले सकता है।

खर्राटों की समस्या से मुक्ति

*खर्राटों की समस्या से मुक्ति*

 खर्राटों की समस्या से मुक्ति पाने के लिए बेहद सरल घरेलू उपाय प्रस्तुत है
सामग्री
 एक छोटी चम्मच हल्दी
एक चम्मच शहद व एक गिलास गुनगुना  जल
आधा चम्मच हल्दी  को गुनगुने जल में घोल देवें  और उसी में 1 बड़े चम्मच शहद मिला दे ,
 इसे सोते समय पी जावे  व सुबह उठने के बाद पुनः इसी प्रयोग को   दोहराएं।3 से 4 दिनों में खर्राटों की समस्या में लगभग 50% आराम मिलेगा और इस उपचार को तब तक करते रहे जब तक आप को पूरी तरह से खर्राटों से  निजात नहीं मिल जाती ।

सुगर यदि कंट्रोल में न रहे तो

*सुगर यदि कंट्रोल में न रहे तो*

सबसे पहले वॉक कम से कम आधा घण्टा सुबह शाम ज़रूर करें।
इसके बाद भोजन में चावल कुछ दिन बिल्कुल बन्द कर दें।
तीसरा भोजन में करेले की सब्जी अवश्य लें।
चौथा मेथी दाने 20 ग्राम की मात्रा में लेकर उसका पाउडर सुबह शाम खाली पेट ले अथवा भोजन से आधे घंटे पहले ले सिर्फ 10 दिनों में शुगर बिल्कुल नॉर्मल  स्थिति में आ जाएगी साथ ही कच्ची हल्दी का रस दिन में दो बार एक एक चम्मच लें।
साथ ही अपनी रेगुलर दवाएं भी लेते रहें.

तिल का तेल ... पृथ्वी का अमृत

*तिल का तेल ... पृथ्वी का अमृत*

यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा और यही सर्वोत्तम पदार्थ बाजार में उपलब्ध नहीं है. और ना ही आने वाली पीढ़ियों को इसके गुण पता हैं.

🔹 क्योंकि नई पीढ़ी तो टी वी के इश्तिहार देख कर ही सारा सामान ख़रीदती है.
और तिल के तेल का प्रचार कंपनियाँ इसलिए नहीं करती क्योंकि इसके गुण जान लेने के बाद आप उन द्वारा बेचा जाने वाला तरल चिकना पदार्थ जिसे वह तेल कहते हैं लेना बंद कर देंगे.

🔹तिल के तेल में इतनी ताकत होती है कि यह पत्थर को भी चीर देता है. प्रयोग करके देखें....
🔹आप पर्वत का पत्थर लिजिए और उसमे कटोरी के जैसा खडडा बना लिजिए, उसमे पानी, दुध, धी या तेजाब संसार में कोई सा भी कैमिकल, ऐसिड डाल दीजिए, पत्थर में वैसा की वैसा ही रहेगा, कही नहीं जायेगा...
🔹लेकिन... अगर आप ने उस कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दीजिए, उस खड्डे में भर दिजिये.. 2 दिन बाद आप देखेंगे कि, तिल का तेल... पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके, पत्थर के नीचे आ जायेगा. यह होती है तेल की ताकत, इस तेल की मालिश करने से हड्डियों को पार करता हुआ, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.

🔹 तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती का अहम भूमिका अदा करता है.

🔹और तिल का तेल ऐसी वस्तु है जो अगर कोई भी भारतीय चाहे तो थोड़ी सी मेहनत के बाद आसानी से प्राप्त कर सकता है. तब उसे किसी भी कंपनी का तेल खरीदने की आवश्यकता ही नही होगी.

🔹तिल खरीद लीजिए और किसी भी तेल निकालने वाले से उनका तेल निकलवा लीजिए. लेकिन सावधान तिल का तेल सिर्फ कच्ची घाणी (लकडी की बनी हुई) का ही प्रयोग करना चाहिए.
🔷तैल शब्द की व्युत्पत्ति तिल शब्द से ही हुई है। जो तिल से निकलता वह है तैल। अर्थात तेल का असली अर्थ ही है "तिल का तेल".
🔹तिल के तेल का सबसे बड़ा गुण यह है की यह शरीर के लिए आयुषधि का काम करता है.. चाहे आपको कोई भी रोग हो यह उससे लड़ने की क्षमता शरीर में विकसित करना आरंभ कर देता है. यह गुण इस पृथ्वी के अन्य किसी खाद्य पदार्थ में नहीं पाया जाता.
🔹सौ ग्राम सफेद तिल 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता हैं। बादाम की अपेक्षा तिल में छः गुना से भी अधिक कैल्शियम है।
काले और लाल तिल में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तअल्पता के इलाज़ में कारगर साबित होती है।
🔷तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है।
तिल के तेल में प्राकृतिक रूप में उपस्थित सिस्मोल एक ऐसा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो इसे ऊँचे तापमान पर भी बहुत जल्दी खराब नहीं होने देता। आयुर्वेद चरक संहित में इसे पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल माना गया है।

🔷तिल में विटामिन  सी छोड़कर वे सभी आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। तिल विटामिन बी और आवश्यक फैटी एसिड्स से भरपूर है।
इसमें मीथोनाइन और ट्रायप्टोफन नामक दो बहुत महत्त्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होते हैं जो चना, मूँगफली, राजमा, चौला और सोयाबीन जैसे अधिकांश शाकाहारी खाद्य पदार्थों में नहीं होते।

🔹ट्रायोप्टोफन को शांति प्रदान करने वाला तत्व भी कहा जाता है जो गहरी नींद लाने में सक्षम है। यही त्वचा और बालों को भी स्वस्थ रखता है। मीथोनाइन लीवर को दुरुस्त रखता है और कॉलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित रखता है।

🔷तिलबीज स्वास्थ्यवर्द्धक वसा का बड़ा स्त्रोत है जो चयापचय को बढ़ाता है।
यह कब्ज भी नहीं होने देता।
तिलबीजों में उपस्थित पौष्टिक तत्व,जैसे-कैल्शियम और आयरन त्वचा को कांतिमय बनाए रखते हैं।

🔷तिल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
सीधा अर्थ यह है की यदि आप नियमित रूप से स्वयं द्वारा निकलवाए हुए शुद्ध तिल के तेल का सेवन करते हैं तो आप के बीमार होने की संभावना ही ना के बराबर रह जाएगी.

🔹 जब शरीर बीमार ही नही होगा तो उपचार की भी आवश्यकता नही होगी. यही तो आयुर्वेद है.. आयुर्वेद का मूल सीधांत यही है की उचित आहार विहार से ही शरीर को स्वस्थ रखिए ताकि शरीर को आयुषधि की आवश्यकता ही ना पड़े.

🔹एक बात का ध्यान अवश्य रखिएगा की बाजार में कुछ लोग तिल के तेल के नाम पर अन्य कोई तेल बेच रहे हैं.. जिसकी पहचान करना मुश्किल होगा. ऐसे में अपने सामने निकाले हुए तेल का ही भरोसा करें. यह काम थोड़ा सा मुश्किल ज़रूर है किंतु पहली बार की मेहनत के प्रयास स्वरूप यह शुद्ध तेल आपकी पहुँच में हो जाएगा. जब चाहें जाएँ और तेल निकलवा कर ले आएँ.

🔷तिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड (mono-unsaturated fatty acid) होता है जो शरीर से बैड कोलेस्ट्रोल को कम करके गुड कोलेस्ट्रोल यानि एच.डी.एल. (HDL) को बढ़ाने में मदद करता है। यह हृदय रोग, दिल का दौरा और धमनीकलाकाठिन्य (atherosclerosis) के संभावना को कम करता है।
कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है-
तिल में सेसमीन (sesamin) नाम का एन्टीऑक्सिडेंट (antioxidant) होता है जो कैंसर के कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ है और उसके जीवित रहने वाले रसायन के उत्पादन को भी रोकने में मदद करता है।

🔹 यह फेफड़ों का कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर और अग्नाशय के कैंसर के प्रभाव को कम करने में बहुत मदद करता है।
तनाव को कम करता है-

🔹इसमें नियासिन (niacin) नाम का विटामिन होता है जो तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
हृदय के मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है-

🔹तिल में ज़रूरी मिनरल जैसे कैल्सियम, आयरन, मैग्नेशियम, जिन्क, और सेलेनियम होता है जो हृदय के मांसपेशियों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है और हृदय को नियमित अंतराल में धड़कने में मदद करता है।

🔹शिशु के हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है-
तिल में डायटरी प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों के हड्डियों के विकसित होने में और मजबूती प्रदान करने में मदद करता है।

🔹उदाहरणस्वरूप 100ग्राम तिल में लगभग 18 ग्राम प्रोटीन होता है, जो बच्चों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी होता है।
गर्भवती महिला और भ्रूण (foetus) को स्वस्थ रखने में मदद करता है-

🔹तिल में फोलिक एसिड होता है जो गर्भवती महिला और भ्रूण के विकास और स्वस्थ रखने में मदद करता है।

 🔹शिशुओं के लिए तेल मालिश के रूप में काम करता है-

🔹अध्ययन के अनुसार तिल के तेल से शिशुओं को मालिश करने पर उनकी मांसपेशियाँ सख्त होती है साथ ही उनका अच्छा विकास होता है।

🔹 आयुर्वेद के अनुसार इस तेल से मालिश करने पर शिशु आराम से सोते हैं।
अस्थि-सुषिरता (osteoporosis) से लड़ने में मदद करता है-

🔹तिल में जिन्क और कैल्सियम होता है जो अस्थि-सुषिरता से संभावना को कम करने में मदद करता है।

🔹मधुमेह के दवाईयों को प्रभावकारी बनाता है-

🔹डिपार्टमेंट ऑफ बायोथेक्सनॉलॉजी विनायक मिशन यूनवर्सिटी, तमिलनाडु (Department of Biothechnology at the Vinayaka Missions University, Tamil Nadu) के अध्ययन के अनुसार यह उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ इसका एन्टी ग्लिसेमिक प्रभाव रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को 36% कम करने में मदद करता है जब यह मधुमेह विरोधी दवा ग्लिबेक्लेमाइड (glibenclamide) से मिलकर काम करता है। इसलिए टाइप-2 मधुमेह (type 2 diabetic) रोगी के लिए यह मददगार साबित होता है।

🔹दूध के तुलना में तिल में तीन गुना कैल्शियम रहता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन बी और ई, आयरन और ज़िंक, प्रोटीन की भरपूर मात्रा रहती है और कोलेस्टरोल बिल्कुल नहीं रहता है।

🔹तिल का तेल ऐसा तेल है, जो सालों तक खराब नहीं होता है, यहाँ तक कि गर्मी के दिनों में भी वैसा की वैसा ही रहता है.
तिल का तेल कोई साधारण तेल नहीं है। इसकी मालिश से शरीर काफी आराम मिलता है। यहां तक कि लकवा जैसे रोगों तक को ठीक करने की क्षमता रखता है।

🔹इससे अगर  महिलाएं अपने स्तन के नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें, तो स्तन पुष्ट होते हैं। सर्दी के मौसम में इस तेल से शरीर की मालिश करें, तो  ठंड का एहसास नहीं होता।
🔹 इससे चेहरे की मालिश भी कर सकते हैं। चेहरे की सुंदरता एवं कोमलता बनाये रखेगा। यह सूखी त्वचा के लिए उपयोगी है।

🔹तिल का तेल- तिल विटामिन ए व ई से भरपूर होता है। इस कारण इसका तेल भी इतना ही महत्व रखता है। इसे हल्का गरम कर त्वचा पर मालिश करने से निखार आता है। अगर बालों में लगाते हैं, तो बालों में निखार आता है, लंबे होते हैं।

🔹जोड़ों का दर्द हो, तो तिल के तेल में थोड़ी सी सोंठ पावडर, एक चुटकी हींग पावडर डाल कर गर्म कर मालिश करें। तिल का तेल खाने में भी उतना ही पौष्टिक है विशेषकर पुरुषों के लिए।इससे मर्दानगी की ताकत मिलती है!

🔹हमारे धर्म में भी तिल के बिना कोई कार्य सिद्ध नहीं होता है, जन्म, मरण, परण, यज्ञ, जप, तप, पित्र, पूजन आदि में तिल और तिल का तेल के बिना संभव नहीं है अतः इस पृथ्वी के अमृत को अपनावे और जीवन निरोग बनावे।

घुटनों के दर्द को अब भगाये चुटकियो में, जानिए रामबाण इलाज

*_घुटनों के दर्द को अब भगाये चुटकियो में, जानिए रामबाण इलाज_*

*यह प्रयोग केवल घुटनों का दर्द जिनके घुटनों की ग्रीस खत्म हो गयी हो सूजन हो या कार्टिलेज घीस गये हो या घुटनों को बदलने की सलाह दी जा रही है तो एक बार यह प्रयोग अवश्य अजमाये आप को निराश नही होना पड़ेगा।*


*यह पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके हर एक घुटनों के दर्द से पीडित व्यक्ति तक जरूर पहुचाये*

*उपचार हेतु आवश्यक सामग्री*

*(1) सहजन बीज 150 ग्राम*

*(2) निर्गुणडी 100 ग्राम*

*(3) अलसी 100 ग्राम*

*(4) सौठ 50 ग्राम*

*(5) छोटी पीपल 50 ग्राम*

*(6) लौंग 25 ग्राम*

*(7) काली मिर्च 25 ग्राम*



*ये सात प्रकार की औषधि लाकर कूट पीस कर बारीक पाउडर बना ले ओर रोजाना एक चम्मच यानी पाच सात ग्राम पाउडर सुबह उठते ही खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी से ऐसे ही रात को सोते समय लिजिये ओर एक महिना बाद प्रकृति का कमाल देखिए आपको घुटने बदलवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी*

*धन्यवाद!!*

छपाकि, शीत पित्ती ,पित्ती उछलना

*छपाकि, शीत पित्ती ,पित्ती उछलना*

नागकेसर जो की पंसारी  के यहां  मिल जाती है , का चूर्ण बना लें। इस आधा चम्मच चूर्ण  को एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम 15 से 20 दिन तक खिलाएं पुरानी से पुरानी शीत जड़  से समाप्त हो जाएगी लेकिन इसके साथ में परहेज बहुत जरूरी है पहली बार पेट को साफ रखें यदि बदहजमी हो तो आधा लीटर  गर्म  पानी में 6 ग्राम नमक डालकर उल्टी कर ले ।यदि कब्ज हो तो जुलाब ले ।
 *परहेज* बैगन गुड़  तेल खटाई लाल मिर्च अचार मछली और गोश्त ना खाएं ।

दाँतों मे दर्द, मसूड़ों मे दर्द अथवा सूजन की समस्या

दाँतों मे दर्द, मसूड़ों मे दर्द अथवा सूजन की समस्या से राहत पाने के लिए आप एक गिलास पानी मे तीन से चार अमरुद के पत्ते उबाल ले, ठंडा होने  दें, ज़ब पानी गुनगुना रह  जाए, तो इसे छान ले, तथा नमक मिलाकर कुल्ले करें,, आपका ज़रूर लाभ होगा।

गुर्दे की पथरी के उपाय

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*👨🏻‍🦱👉🏿गुर्दे की पथरी के उपाय👈🏿👩🏻*



🌹👉🏿गुर्दे की पथरी में कुल्थी का उपयोग रामबाण सिद्ध होता है। 250 ग्राम कुल्थी को 3 लीटर पानी में रात भर के लिए भिगो दे। सुबह इस पानी को आंच पर चढ़ा दे , जब पानी आधा रह जाए तब इसे निचे उतार कर ठंडा कर ले। अब 50 ग्राम गाय के देशी घी का इसमें छोंकन लगाये। छोंक में जायके के लिए सेंधा नमक , हल्दी , जीरा और काली मिर्च अल्प मात्रा में दाल सकते है। इस तैयार औषधि का उपयोग 250 ग्राम से 500 ग्राम की मात्रा में कर सकते है। इसका इस्तेमाल 1 से 2 सप्ताह तक लगातार करने से गुर्दे की कैसी भी पथरी हो गल कर निकल जायेगी।

👉🏿250 ग्राम गाय के मट्ठे में 6 ग्राम जवाखार डालकर रोगी को सुबह शाम पिलाने से गुर्दे की पत्थरी के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है।

 👉🏿10 ग्राम इलायची के दाने , 10 ग्राम शिलाजीत एवं 6 ग्राम पीपल – इन सभी को बारीक़ पीसले । तैयार चूर्ण में 25 ग्राम की मात्रा में पीसी हुई मिश्री मिलाएं। इस चूर्ण का इस्तेमाल 1 – 1 चम्मच की मात्रा में सुबह – शाम करने से जल्द ही गुर्दे की पत्थरी से निजात मिलती है।

👉🏿गुर्दे की पत्थरी में मुली के बीज भी काफी फायदेमंद होते है। दो गिलास पानी में 30 ग्राम मुली के बीज डालकर आग पर अच्छी तरह उबाले । जब एक गिलास पानी बचे तो इसे छानकर दिन में दो बार सेवन करे।यह प्रयोग भी गुर्दे की पत्थरी में काफी लाभ देता है।

👉🏿 गुर्दे की पत्थरी से होने वाले दर्द से बचने के लिए👈🏿* काले लोहे की अंगूठी अपने सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहने ।इससे गुर्दे की पत्थरी का दर्द कम होता है ।दरश्ल मध्यमा अंगुली का दबाव बिंदु गुर्दे से संबंधित होता है ।इसलिए अंगूठी पहनने से गुर्दे की पत्थरी के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलेगा।

👉🏿पालक का रस एक कप एवं नारियल का पानी एक कप दोनो को मिलाकर नित्य 15 दिनों तक सेवन करने से गुर्दे की पत्थरी गल कर बाहर निकल जाती है।

👉🏿गाजर के बीज और शलजम के बीज – दोनों को 3 – 3 ग्राम की मात्रा में लेकर  एक मुली को अन्दर से खोखला कर के इसमें भर दे ।इस मुली का मुंह गाजर की छीलन से भर दे और इसे उपलों की आग में दबा दे । जब मुली भुन जाए तब इसे उपलों की आग से बाहर निकाल कर इसमें से बीज निकाल ले। बीजो को 2 – 2 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम सेवन करने से मूत्र की वर्द्धि होगी एवं पत्थरी भी गल कर बाहर निकल जायेगी।

👉🏿 गोखरू का चूर्ण 10 की मात्रा में 25 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से भी गुर्दे की पथरी में आराम मिलता है।इसके साथ में प्याज का 4 चम्मच रस सुबह और शाम पीना काफी फायदेमंद साबित होता है।

👉🏿गुर्दे की पत्थरी में पथ्य और अपथ्य आहार👈🏿* जिस व्यक्ति को गुर्दे की पत्थरी हो उसे शीघ्र पचने वाले आहार ग्रहण करने चाहिए । गेंहू और जौ की रोटी , हरी सब्जियां, मुंग की दाल , मौसमी फल और इसका रस , जौ और नारियल का पानी का सेवन करना चाहिए।इसके आलावा पुराने चावल , मुली , गाजर , अदरक , दूध , मट्ठा ,  दही और निम्बू का रस भी पथरी के रोगी के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होता है.अधिक पानी का सेवन करे ताकि मूत्र के आने की परवर्ती बढे और पथरी जल्दी ही बाहर निकले।

👉🏿सावधानी👈🏿*  मीठा , मक्खन , घी , तेल , चीनी , शराब , मांस , चाय , कोफ़ी और नशीले पदार्थो का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।क्योकि इनके इस्तेमाल से पत्थरी और अधिक सख्त बनती है।

एलर्जी नाशक का देशी नुस्खा

एलर्जी नाशक का देशी नुस्खा

250 ग्राम  गुड
अदरक 25 ग्राम
 हल्दी 15 ग्राम
 काली मिर्च पांच  दाने


 *विधि*
 सबसे पहले हल्दी और काली मिर्च को अलग-अलग पीस लें। अदरक को  बारीक किस लें फिर सब को गुड़ में मिलाकर अग्नि पर पकाएं ।
जब अवलेह  जैसा  बन जाए अर्थात गाढा हो जाए तब उतार ले। प्रतिदिन एक-एक चम्मच तीन बार खिलाएं 1 या 2 दिन में एलर्जी का प्रभाव से समाप्त हो जाएगा।

Sunday, 19 January 2020

मूली खाने से फायदे - सर्दीयों मे मूली अमृत है

मूली खाने से फायदे - सर्दीयों मे मूली अमृत है
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1. रोजाना सुबह खाने में मूली का सेवन करने से डायबिटीज से जल्द छुटकारा मिल सकता हैं.

2. मूली खाने से जुखाम रोग भी नही होता हैं, इसीलिए मुली को स्लाद के रूप में जरूर खाना चाहिए.

3. हर-रोज मूली के ऊपर काला नमक डालकर खाने से भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती हैं.

4. मूली खाने से हमे विटामिन ए मिलता हैं, जिससे हमारे दांतो को  मजबूती मिलती हैं.

5. मूली खाने से बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती हैं.

6. बवासीर रोग में कच्ची मूली या मूली के पत्तो की सब्जी बनाकर खाना फायदेमंद होता हैं.

7. अगर पेशाब का बनना बंद हो जाये तो मूली का रस पीने से पेशाब दोबारा बनने लगता हैं.

8. हर-रोज 1 कच्ची मूली सुबह उठते ही खाने से पीलीया रोग में आराम मिलता हैं.

9. नियमित रूप से मूली खाने से मधुमेह का खतरा भी कम रहता हैं.

10. अगर आपको भी खट्टी डकारे आती हैं, (अम्लपित) तो मूली के 1 कप रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता हैं.

11. नियमित रूप से मूली खाने से मुँह,आंत और किडनी की कैंसर का खतरा कम रहता हैं.

12. थकान मिटाने और नींद लाने में भी मूली सहायक हैं.

13. मोटापा दूर करने के लिए मूली के रस में नींबू और कम मात्रा में नमक मिलाकर सेवन करें.

14. पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ले करें और इसका रस पिएं.

15. सुबह-शाम मूली का रस पीने से पुराने कब्ज में भी लाभ होता हैं.

16. मूली के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता हैं.

17. मूली को धीरे-धीरे चबाकर खाने से दांत चमकते हैं, और शरीर से दाग-धब्बे भी दूर हटते हैं.

18. मूली खाने से हमारी आंखों की रोशनी भी बढ़ती हैं.

19. नियमित रूप से मूली खाने से ब्लड प्रैशर कंट्रोल में रहता हैं.

20. मूली खाने का सबसे बडा फायदा पेट में गैस तो बिल्कुल नही रहती हैं.

21. हाथ-पैरों के नाख़ूनों का रंग सफ़ेद हो जाए तो मूली के पत्तों का रस पीना लाभदायक हैं.

22. सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती हैं.

23. मूली के पत्तों में सोडियम होता है, जो हमारे शरीर में नमक की कमी को पूरा करता हैं.

24. नियमित रूप से मूली खाने से पेट के कीडे नष्ट हो जाते हैं
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